हर्ष हर्ष है नव जागृत का नव स्पर्श है...

श्री देव सुमन के ऋषिकेश कैंपस में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर कुलपति प्रो. यूएस रावत ने श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुल गीत का लोकार्पण किया। महाविद्यालय के सभागार में आयोजित संगोष्ठी का श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. यूएस रावत ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। कुलपति ने श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुल गीत हर्ष हर्ष है हर्ष हर्ष है, नव जागृत का नव स्पर्श है... का लोकार्पण किया। इसके बाद कुलपति ने डॉ. आरए सिंह की पुस्तक और डॉ. सतेंद्र कुमार की ओर से लिखित रिसर्च मैथेडोलॉजी का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का विकास इंटीग्रेटेड अप्रोच से ही संभव है। संगोष्ठी के संयोजक डॉ. रामावतार सिंह ने बताया कि दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में 124 शोधपत्र प्राप्त हुए। इसमें हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक आदि राज्य प्रमुख हैं। संगोष्ठी में कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बीएस कोटलिया, आाईआई रुड़की के प्रो. शांतनु सरकार, हेमवती नंदन गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रो. नरेश कुमार अग्रवाल, डीबीएस कॉलेज के सेवानिवृत प्रो. एके बियानी आदि ने प्रमुख रूप से अपने शोध प्रस्तुत किए।
प्रो. कोटलिया ने बताया की गुफाओं में स्थित संरचनाओं के माध्यम से पूर्व में हुए जलवायु परिवर्तन का अनुमान लगाया जा सकता है। प्रो. बियानी ने चारधाम यात्रा को सुरंगो से जोड़ने पर प्रकाश डाला, प्रो. पुलेठा ने कुमाऊं क्षेत्र में पुष्पीय पौधों की विविधता में रोजगार के अवसरों से युवाओं को परिचित कराया। इस अवसर पर डॉ. दयाधर दीक्षित, डॉ. विजेंद्र लिंगवाल, डॉ. मुक्तिनाथ यादव, डॉ. सुमिता श्रीवास्तव, डॉ. सुषमा गुप्ता, डॉ. देवमणि त्रिपठी, डॉ. यशोदा गवरी आदि मौजूद थे।